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सोनिया के संसदीय क्षेत्र में एमएलसी चुनाव से बाहर हुई कांग्रेस


रायबरेली, 21 मार्च(हि.स.)। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस राजनीति के सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है। पहले ही विधानसभा चुनावों में बाहर हुई पार्टी के पास एमएलसी चुनाव के लिये उम्मीदवार ही नहीं है। आजादी के बाद यह पहला मौका है जब अपने ही गढ़ के एमएलसी चुनाव में कांग्रेस बाहर हो गई है।
सोमवार को नामंकन की समय सीमा बीत गई और कांग्रेस से किसी ने पर्चा दाख़िल नहीं किया। जानकारों का कहना है कि इस चुनाव में लड़ाने के लिए कांग्रेस के पास कोई उम्मीदवार ही नहीं था। जिससे पार्टी को बाहर रहने के लिये मजबूर होना पड़ा।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने रायबरेली स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में जिले की सभी छह सीटों पर कांग्रेस का खराब प्रदर्शन रहा है। किसी भी सीट पर पार्टी मुकाबले तक में नहीं आ पायी है। सबसे खराब प्रदर्शन ऊंचाहार, सदर और सलोन सीट पर रहा है। विधान सभा चुनाव परिणाम से हताश और निराश कांग्रेस ने एमएलसी का चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है। या यूं कहें कि कांग्रेस को उसके गढ़ और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में एमएलसी के लिए कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं मिल पाया है। कांग्रेस के लिए रायबरेली से निकला यह संदेश राष्ट्रीय पटल पर भी कांग्रेस को परेशान करने वाला है।
भाजपा,सपा सहित पांच ने नामंकन किया
स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र के चुनाव के लिए कुल पांच उम्मीदवारों ने अपना नामंकन दाख़िल किया। सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन भाजपा, सपा और तीन निर्दल उम्मीदवारों ने नामांकन किया है।
भाजपा उम्मीदवार के रूप में वर्तमान एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने नामांकन किया है। लंबी टीम के साथ नामांकन स्थल पर पहुंचे भाजपा उम्मीदवार ने मीडिया से कहा कि पार्टी की नीति और रीति उन्हें सफलता दिलायेगी। उधर सपा के जिलाध्यक्ष इंजीनियर वीरेंद्र यादव ने भी पार्टी के विधायकों के साथ पहुंचकर नामांकन किया है। उन्होंने कहा कि विधान सभा चुनाव में पार्टी ने जिले की चार सीटों पर जीत दर्ज की है। जिससे उनकी जीत तय है। उधर निर्दल उम्मीदवार के रूप में सलोन निवासी वीरेंद्र कुमार और ऊंचाहार के क्षेत्र पंचायत सदस्य मनीष कौशल ने नामांकन किया है। कौशल बीडीसी सदस्यों के संगठन के प्रदेश पदाधिकारी भी हैं। उधर सुरेंद्र बहादुर सिंह ने भी निर्दल के रूप में दावा किया है।