
श्रद्धापूर्वक याद किए गए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री

बेगूसराय, 02 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनके जन्मदिवस पर रविवार को श्रद्धापूर्वक याद किया गया। इस मौके पर एक ओर जहां सोशल मीडिया पर लोग उन्हें याद कर रहे हैं तो दूसरी ओर जिला भर में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
मुख्य समारोह जिला मुख्यालय के स्वर्ण जयंती पुस्तकालय में आयोजित किया गया। जहां कि जिला प्रशासन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोगों ने राष्ट्रपिता के प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ-साथ लाल बहादुर शास्त्री के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर पर डीएम रोशन कुशवाहा, एसपी योगेन्द्र कुमार, डीडीसी सुशांत कुमार, विधान पार्षद सर्वेश कुमार, विधायक राजकुमार सिंह, सांसद प्रतिनिधि और वरिष्ठ भाजपा नेता अमरेंद्र कुमार अमर, वरिष्ठ राष्ट्रवादी कार्यकर्ता सीताराम शास्त्री सहित बड़ी संख्या में प्रशासनिक पदाधिकारी एवं अन्य लोगों ने माल्यार्पण किया।
मौके पर डीएम रोशन कुशवाहा ने कहा कि हम लोगों के जीवन और देश के लिए इन दोनों महापुरुष ने जो योगदान दिया वह चिरस्थाई है। यह दोनों ऐसे व्यक्ति थे जो देश और समाज को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देकर हमारे प्रेरणा स्रोत हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाने और आजादी के बाद सत्य-अहिंसा के मार्ग पर चलने का जो संदेश दिया, उससे हम सब प्रेरित हो रहे हैं। उनके दिखाए मार्ग पर सरकार आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार कहते हैं कि बापू के मार्ग पर चलते हुए समाज के पिछड़े व्यक्ति को अधिकार पहुंचा कर उसे आगे बढ़ा सकते हैं। आज वह दिन है जब हम राष्ट्र निर्माण में गांधीजी के को याद करें।
डीएम ने कहा कि राष्ट्र के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद देश को संभाला और जय जवान-जय किसान का नारा ऐसे समय में दिया जब राष्ट्र कठिन दौर से गुजर रहा था। सरहद के सैनिकों और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए दिया गया यह नारा लोगों के जेहन में अमर है और अमर रहेगा। इससे पहले स्वर्ण जयंती पुस्तकालय में गायकों ने गांधी जी के प्रिय भजनों की प्रस्तुति देने के साथ-साथ बेगूसराय के इतिहास का खूबसूरती से गायन किया तथा 30 मिनट से अधिक समय तक सभी अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि गायन के एक-एक तथ्य पर एकाकार होते रहे।