
प्राचीन काल में आंतरिक क्षमता को बढ़ाता था मनुष्य: प्रो. पवन शर्मा

मेरठ, 26 मार्च (हि.स.)। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में शनिवार से दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। विभागाध्यक्ष प्रो. पवन शर्मा ने कहा कि प्राचीनकाल में मनुष्य अपनी आंतरिक क्षमता का विकास करता था।
राजनीति विज्ञान विभाग के चाणक्य सभागार में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की संरचना एवं विकास पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने किया। प्रो. राजेंद्र पांडेय ने अतिथि परिचय दिया। प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। विभागाध्यक्ष प्रो. पवन शर्मा ने कहा कि प्राचीन भारत में विद्या आनुवांशिक रूप से परिवर्तित होती थी। इस सम्बंध में प्रो. पवन कुमार शर्मा ने स्टीफिन होकिन्स की पुस्तक ब्रीफ आंसर्स टू बिग क्वेश्चंस का भी जिक्र किया।
मुख्य वक्ता प्रो. गौरव सिंह ने ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की संरचना और विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम प्रारूप संरचना के चार मुख्य चरण है, जिनमें पहला चरण श्रेष्ठ गुणवत्ता की वीडियो लेक्चर्स बनाना, दूसरा चरण पीडीएफ या ऑडियो फाइल को अपलोड करना, तीसरा चरण स्वयं मूल्यांकन व चौथा चरण विद्यार्थियों की समस्याओं को हल करने के ऑनलाइन विचार विमर्श करना है। इस दौरान प्रो. मुकेश शर्मा, डॉ. भूपेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. सुषमा रामपाल, संतोष त्यागी आदि उपस्थित रहे।