
पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठने का लिया फैसला

जयपुर, 9 अप्रैल (हि.स.)। राजस्थान में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर वसुंधरा राजे से मिलीभगत के आरोप लगाकर अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठने का फैसला किया है। उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एक बार फिर अपनी ही पार्टी की सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। पायलट ने यह फैसला रविवार को अपने निवास पर बुलाई पत्रकार वार्ता में किया। उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री गहलोत से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ साल भर पूर्व शिकायत की थी, लेकिन गहलोत ने कोई एक्शन नहीं लिया। पायलट इसके विरोध में 11 अप्रैल को जयपुर में शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करेंगे।
पायलट ने कहा कि वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं की गई। जबकि विपक्ष में रहते हुए हमने यह वादा किया था कि जांच कराई जाएगी। चुनाव को 6-7 महीने बचे हैं, विरोधी भ्रम फैला सकते हैं कि कहीं कोई मिलीभगत तो नहीं है, यह साबित करने के लिए जल्दी कार्रवाई करनी होगी। ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा सरकार के वक्त विपक्ष में रहते हुए हमने 45 हजार करोड़ के घाेटालों को लेकर आवाज उठाई थी और यह वादा किया था कि सरकार आएगी इन घोटालों पर निष्पक्ष तरीके से जांच करवाएंगे और दोषियों को सजा देंगे। मैंने कभी द्वेषपूर्ण कार्रवाई के लिए नहीं कहा, लेकिन विपक्ष के रूप में बनी हमारी विश्वसनीयता को बरकरार रखना होगा। मैंने सीएम गहलोत से आग्रह किया था। 28 मार्च 2022 को पहली चिट्ठी लिखी थी। उस पर कोई जवाब नहीं मिला। नवम्बर में फिर दूसरी चिट्ठी लिखी। उसका भी जवाब नहीं आया।
सचिन पायलट ने कहा कि ‘क्या कारण है कि बार-बार सत्ता में आने के बावजूद हम विपक्ष में रहते जो आरोप लगाते हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं करते। हम दोबारा जब चुनाव में जाएंगे तो हमारी बात पर कोई यकीन करे इसलिए जरूरी है कि हम कोई एक्शन लें। अशोक गहलोत और मैंने मिलकर आरोप लगाए थे, जब तक निष्पक्ष जांच नहीं हो तब तक कैसे पता लगेगा। जांच में अगर निकल कर आता है कि कोई दोषी नहीं था तो मान लेंगे कि गहलोत जी और मैं झूठे थे। जब तक कोई केस रजिस्टर्ड नहीं होगा, तब तक लोग कैसे मान लेंगे कि हमने जो वसुंधरा सरकार के खिलाफ आरोप लगाए थे, वह सही हैं या गलत। पायलट ने कहा कि मैंने राजस्थान को लेकर हाईकमान को जो सुझाव दिए थे, उनमें से एक सुझाव यह भी था कि हमने विपक्ष में रहते हुए जो भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप लगाए थे, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हमने केवल चुनाव की रोटियां सेकने के लिए आरोप लगाए थे। सवा चार साल बीत जाने के बावजूद आज तक कार्रवाई नहीं हुई।
पायलट ने कहा कि मैंने 28 मार्च 2022 और 2 नवम्बर 20220 को सीएम अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखी थी। अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ। 11 अप्रैल को प्रसिद्ध समाज सुधारक ज्योतिबा राव फुले की जयंती है, उसी दिन मैं शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करूंगा। मैने जिला प्रशासन को इस बारे में सूचना दे दी है। जनता जनार्दन है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पिछले कुछ समय से विपक्ष के लोगों को टारगेट कर रही है। ईडी ने जिन नेताओं को नोटिस दिया या छापे डाले उनमें से 95 फीसदी नेता विपक्ष के हैं।