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डेफएक्सपो की मेजबानी के लिए गांधीनगर तैयार, पहली बार दिए जाएंगे रक्षा मंत्री पुरस्कार


– साबरमती रिवर फ्रंट पर लाइव प्रदर्शन के दौरान होगा अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन शो

– पोरबंदर तट पर नौसेना और तटरक्षक के युद्धपोत आम जनता के लिए खोले जाएंगे

नई दिल्ली, 27 सितम्बर (हि.स.)। विश्व की सबसे बड़ी रक्षा अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में एक डेफएक्सपो-2022 का आयोजन इस बार गुजरात के गांधीनगर शहर में 18-22 अक्टूबर को होगा। मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में एक बैठक करके रक्षा प्रदर्शनी की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को ‘डेफएक्सपो’ को अब तक की सर्वश्रेष्ठ रक्षा प्रदर्शनी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। पहली बार डेफएक्सपो के दौरान रक्षा निर्माण में उत्कृष्टता के लिए रक्षा मंत्री पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे।

बैठक के दौरान अधिकारियों ने रक्षा मंत्री को आयोजन के लिए किए जा रहे व्यापक प्रबंधों के बारे में जानकारी दी। डेफएक्सपो के इस 12वें संस्करण के लिए रिकॉर्ड 1,136 कंपनियां पंजीकरण करा चुकी हैं और अभी इस में वृद्धि होने की संभावना है। यह आयोजन अब तक के सबसे विशाल एक लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में होगा, क्योंकि पिछला संस्करण 76 हजार वर्ग मीटर में हुआ था। इस बार की थीम ‘पाथ टू प्राइड’ रखी गई है। इसमें भारत को सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र में बदलने के लिए भारतीय एयरोस्पेस, रक्षा विनिर्माण क्षेत्रों के लिए सहायता और वैश्विक ग्राहकों के साथ साझेदारी को दर्शाया जायेगा। इससे घरेलू रक्षा उद्योग के साथ-साथ सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ संकल्प को भी ताकत मिलेगी।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार डेफएक्सपो 2022 विशेष रूप से भारतीय कंपनियों के लिए पहला संस्करण होगा। इसके अंतर्गत भारतीय कंपनियों, विदेशी ओईएम की भारतीय अनुषंगी कंपनियों, भारत में पंजीकृत कंपनी के डिवीजन, भारतीय कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम वाले प्रदर्शकों को भारतीय प्रतिभागी माना जाएगा। डेफएक्सपो में आयुध निर्माण बोर्ड से अलग करके बनाई गई सात नई रक्षा कंपनियों के गठन का एक वर्ष पूरा होने का भी जश्न मनाएगा। ये सभी कंपनियां पहली बार डेफएक्सपो में भाग लेंगी। पांच दिवसीय प्रदर्शनी में 18-20 अक्टूबर व्यावसायिक दिन और 21-22 अक्टूबर आम जनता के लिए होंगे।

उद्घाटन समारोह और सेमिनार महात्मा मंदिर और प्रदर्शनी केंद्र में आयोजित किए जाएंगे। साबरमती रिवर फ्रंट पर एक से एक अत्याधुनिक विमानों का लाइव प्रदर्शन होगा। पोरबंदर में भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक के जहाज आम जनता के लिए खोले जाएंगे। आईआईटी दिल्ली के स्टार्ट-अप ‘बोटलैब्स’ की ओर से अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन-शो भी आयोजित किया जायेगा। इसके अलावा यह प्रदर्शनी भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता के दूसरे संस्करण की मेजबानी करेगी, जिसमें अफ्रीकी देशों के अनेक रक्षा मंत्रियों के भाग लेने की उम्मीद है। इसके अलावा इंडियन ओशन रीजन प्लस कॉन्क्लेव की भी योजना बनाई गई है।

रक्षा प्रदर्शनी में भारतीय मंडप 2047 के लिए भारत का विजन प्रस्तुत करेगा, जिसका नाम ‘पाथ टू प्राइड’ रखा गया है। मंडप में 50 से अधिक स्टार्ट-अप अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। इस आयोजन में पहली बार राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को भी अपने मंडप स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया गया है। समझौता ज्ञापनों, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौतों के संदर्भ में 300 से अधिक साझेदारियों और उत्पाद लॉन्च को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बैठक में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।