Wed. Sep 27th, 2023

छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री के विभागों के लिए अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित


रायपुर, 22 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार शाम को वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विभागों के लिए 12681 करोड़ 75 लाख 82 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गईं।
इस राशि में से सामान्य प्रशासन विभाग के लिए 339 करोड़ 68 लाख 81 हजार रुपये, सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 429 करोड़ 60 लाख 90 हजार रुपये, वित्त विभाग से संबंधित व्यय के लिए 7734 करोड़ 24 लाख 25 हजार रुपये, जिला परियोजनाओं से संबंधित व्यय के लिए 208 करोड़ 65 लाख रुपये, ऊर्जा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 2634 करोड़ 17 लाख 38 हजार रुपये, खनिज साधन विभाग से संबंधित व्यय के लिए 751 करोड़ 70 लाख 42 हजार रुपये, जनसम्पर्क विभाग से संबंधित व्यय के लिए 329 करोड़ 87 लाख 10 हजार रुपये, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 192 करोड़ 32 लाख 68 हजार रुपये और विमानन विभाग के लिए 61 करोड़ 49 लाख 28 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार ‘सेवा, जतन, सरोकार’ और ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ इन दो ध्येय वाक्यों को लेकर चल रही है। हमने एक ओर जहां जनता को जल्दी से जल्दी राहत पहुंचाने पर जोर दिया है, वहीं दूसरी ओर उन्हें प्रदेश के विकास में भागीदार बनाने के हरसंभव उपाय कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि खनिज राजस्व के रूप में राज्य शासन को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5 हजार 517 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर, 2021 तक की स्थिति में निर्धारित लक्ष्य सात हजार 800 करोड़ रुपये के विरूद्ध आठ हजार 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है। इस तरह वित्तीय वर्ष के अंत तक लगभग 11 हजार 900 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद डीएमएफ के अंशदान से जिलों के कुपोषण दर कम करने, स्वास्थ्य, शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने, कृषि, प्रसंस्करण को बढ़ावा, रोजगार एवं हितग्राही मूलक कार्य प्राथमिकता पर स्वीकृत हो रहे है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर, 2021 तक डीएमएफ मद में अंशदान के रूप में दो हजार 20 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हो चुकी है। डीएमएफ से अंशदान के रूप में वर्ष 2015 से अब तक कुल 8 हजार 35 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि ऑफलाइन शिक्षा के लिए ब्लूटूथ आधारित ई-शिक्षा समाधान ‘बुलठू के बोल’/ग्रामीण क्षेत्रों में नगद भुगतान हेतु ‘डिजिपे सखी’ और ‘गोधन न्याय योजना’ को भारत सरकार द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर जारी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेंशन स्टोरीज की किताब में प्रकाशित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हमने कुशल प्रबंधन और सही अनुशासन का पालन किया। जब राज्य का गठन हुआ था तब छत्तीसगढ़ में बिजली की मांग सिर्फ एक हजार 334 मेगावाट होती थी। 2018 के अंत में चार हजार 559 मेगावाट पहुंची और आज पांच हजार 57 मेगावाट के शीर्ष को हमने छुआ है।
उन्होंने कहा कि ट्रांसमिशन (पारेषण) की बात करें तो हमने कुशल प्रबंधन से पारेषण हानि 3 प्रतिशत के करीब ला दी है, जो नियामक आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्य 3.22 प्रतिशत से भी कम है। अच्छी व्यवस्था के कारण पारेषण प्रणाली की उपलब्धता 99.79 प्रतिशत रही, जो एक कीर्तिमान है।हाफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 400 यूनिट खपत पर 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इस योजना के तहत हमने अभी तक 40 लाख 74 हजार घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 2200 करोड़ रुपए की राहत दी है। विगत तीन वर्षों में पांच लाख 94 हजार सिंचाई पम्प उपभोक्ता किसानों को सात हजार 464 करोड़ रुपये की छूट दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बंद हो चुकी पुरानी पेंशन को फिर से बहाल करने का निर्णय लिया है, इससे अधिकारियों कर्मचारियों को बुढ़ापे की चिंता नहीं रहेगी क्योंकि उन्हें पेंशन मिलेगी।मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने 1 हजार 483 ग्राम में बैंकिंग सेवा पहुंचा दी है, जो लक्ष्य का लगभग 96.3 प्रतिशत होता है। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के मुख्य बजट में वित्त विभाग अंतर्गत प्रमुख प्रावधानो की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसम्पर्क विभाग द्वारा पंडित माधवराव सप्रे के नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कार तथा स्वर्गीय चंदूलाल चन्द्राकर एवं स्वर्गीय मधुकर खेर की स्मृति में प्रतिवर्ष चयनित पत्रकारों को पुरस्कार दिया जाता है। इसके अलावा 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले वरिष्ठ पत्रकारों को मुख्यमंत्री सम्मान निधि के रूप में 10 हजार रुपये की राशि देने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विमानन सुविधाओं के विकास के संबंध में कहा कि रीजनल कनेक्टिविटी योजना अंतर्गत जगदलपुर, बिलासपुर एयरपोर्ट को 3सी-व्हीएफआर एयरपोर्ट अनुरूप विकसित कर इनका लायसेंस प्राप्त किया गया है। मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट, जगदलपुर से हैदराबाद-जगदलपुर-रायपुर सेक्टर में तथा बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट, बिलासपुर (चकरभाठा) से दिल्ली-जबलपुर-बिलासपुर-प्रयागराज सेक्टर में अब नियमित विमान सेवा का संचालन हो रहा है। राज्य शासन द्वारा मां महामाया एयरपोर्ट, अम्बिकापुर दरिमा के रनवे के विकास के लिए राशि 43 करोड़ 98 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। एयरपोर्ट का विकास 3सी-व्हीएफआर एयरपोर्ट अनुरूप किया जा रहा है। शीघ्र ही एयरपोर्ट का लायसेंस प्राप्त कर यहां से घरेलू विमान सेवा प्रारंभ करने की योजना है।