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अप्रैल में क्रीड़ा भारती करेगी ”स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव : भारत प्रदक्षिणा”


बेगूसराय, 27 मार्च (हि.स.)। भारत की स्वतंत्रता का 75 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस अवसर पर गांव से लेकर केंद्र तक लगातार विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रमों की इसी कड़ी में क्रीड़ा भारती पूरे देश में एक साथ ”स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव : भारत प्रदक्षिणा” करेगी। इसके लिए पूरे भारत में लगभग 140 सेक्टर चिन्हित कर रूट तय किए गए हैं तथा सेक्टर की स्थिति के अनुसार 75 कार्यकर्ताओं की यह प्रदक्षिणा 50 से 125 किलोमीटर तक की होगी। देश की सभी जिला को रूट भेज कर विचार विमर्श किया जा रहा है।

सात अप्रैल तक रूट तय होने के बाद प्रदक्षिणा कार्यक्रम की तिथि तय होगी और उस दिन पूरा देश क्रीड़ा भारती के स्वयंसेवकों के माध्यम से एक दूसरे से जुड़ेगा, इसरो द्वारा सेटेलाइट के माध्यम से इसकी फोटोग्राफी एवं मैपिंग होगी। इतना ही नहीं प्रदक्षिणा के दौरान जगह-जगह रुककर कार्यक्रम के उद्देश्य पर चर्चा होगी, इस दौरान ऐतिहासिक स्थलों पर चर्चा को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रांत मंत्री अमित ठाकुर एवं जिला मंत्री रणधीर कुमार ने बताया कि प्रदक्षिणा कार्यक्रम मोटरसाइकिल पर 75 युवक-युवती का जत्था पारंपरिक वेश या क्रीड़ा भारती गणवेश में रहेंगे तथा सभी का अपना ध्वज होगा। एक रथ पर राष्ट्रध्वज, क्रीड़ा भारती ध्वज और भारतमाता तथा हनुमानजी की प्रतिमा होगी, स्थानीय क्रांतिकारक और आदर्श खिलाड़ी की प्रतिमा भी होगी। प्रारंभ स्थान पर निश्चित समय पर अतिथि द्वारा प्रतिमा पूजन, कार्यक्रम की संकल्पना, आचरण, नियम की जानकारी, क्रीड़ा भारती प्रतिज्ञा, उद्बोधन, राष्ट्रीय महामंत्री के संदेश का लाइव स्ट्रीमिंग के साथ रैली प्रारंभ होगी। प्रारंभ स्थान से, निश्चित मार्ग पर, निश्चित गति से, निश्चित रचना में, पूर्ण अनुशासन में अगले सेक्टर के प्रारंभ स्थान तक चलना है। सेक्टर की रैली शुरू होने के बाद भी कुछ कार्यकर्ता उस स्थान पर रहेंगे ताकि पीछे से आने वाली रैली का स्वागत, राष्ट्रगीत से समापन एवं भोजन की व्यवस्था समुचित तरीके से हो। सभी सेक्टर पर रैली चलेगी तथा इसकी श्रृंखला अखंड होगी। जो स्थान मुख्य रैली मार्ग में नहीं है, वहां कार्यकर्ता उप रैली के माध्यम से मुख्य रैली के नजदीकी सेक्टर में जुड़ेंगे। प्रारंभ स्थान उस गांव या शहर का कोई ऐतिहासिक या सांस्कृतिक महत्व का केंद्र होगा। कार्यक्रम की तैयारी तेज हो गई है, अप्रैल के प्रथम सप्ताह में क्षेत्र प्रमुख, क्षेत्र के भारत प्रदक्षिणा विषय प्रमुख, प्रांत मंत्री की बैठक कर रुट और कार्यक्रम की तिथि तय कर दी जाएगी।